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Saturday 28 March 2015

अगर हिन्दू चमत्कार और आडंबरों को त्यागकर अपने भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के द्वारा स्थापित सिद्धांतों को ही अपना लें तो उसकी हर समस्या का निदान हो सकता है।

भगवान श्री राम के जन्मोत्सव [रामनवमीं  28 मार्च ,2015 ] पर उनके चरणों में हमारा शत -शत नमन । भारतीय संस्कृति और अस्मिता की पहचान और सबसे बड़े अवतार मर्यादाप्रशोत्तम श्री राम के द्वारा स्थापित सिद्धांतों पर चलकर ही हिन्दू जनमानस अपनी सभी समस्याओं और चुनौतिओं का मुकाबला कर सकता हैं। हिन्दुओं की दुविधा ही यही है कि वह अपने भगवान की पूजा करने और उनसे चमत्कार करने  पर ही विश्वास करते हैं , लेकिन वह [हिन्दू ] अपने भगवानों [राम-कृष्ण ] के बताये रास्ते पर चलने से परहेज करते हैं, हिन्दुओं की दुर्दशा होने का कारण ही यही है। अगर हिन्दू चमत्कार और आडंबरों को त्यागकर अपने भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के द्वारा स्थापित सिद्धांतों को  ही अपना लें तो उसकी हर समस्या का निदान हो सकता है। अफ़सोस इस बात का है कि आज हिन्दू समाज जिसमें विशेषतौर से महिलाएं अपने अवतारों से ज्यादा विश्वास मजारों - मुल्ला -मौलवियों ,पाखंडी बाबाओं और ज्योतषियों -तांत्रिकों में करके आर्थिक और शारीरिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। हमारे अवतारों ने अन्याय और आततायी शक्तियों के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध करके मानव जाति का उद्धार किया। लेकिन हिन्दुओं ने अपने सामने आनेवाली चुनौतियों का मुकाबला करने की बजाय अपने भगवानों से ही चमत्कार करने की गुहार की और गुलामी की बेड़ियों में बंध गए । हम हिन्दुओं ने लगभग एक हज़ार साल तक गुलाम रहने के बावजूद भी कोई सबक नहीं सीखा और आज भी पूर्व में की गई अपनी पीढ़ियों की गलती को दोहरा रहे हैं। आज भी अगर हम सचेत नहीं हुए और भगवानों की  सिर्फ पूजा करने और कथा -कहानियाँ सुनने में ही लगे रहे तो हम भविष्य की गंभीर चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएंगे। मगर  हिन्दू समुदाय  आज भी अपने अवतारों से मिले अन्याय और आततायी ताकतों  विरुद्ध  संघर्ष करने के  सन्देश को भूलकर सिर्फ चमत्कारों और पूजा -पाठ में ही  अपनी समस्यायों का निदान ढूंढ रहा है। ऐसा करके वह अपने भगवानों के साथ तो विश्वासघात करही  रहे हैंसाथ  ही   अपनी आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी गंभीर चुनौतियों और संकटों को पैदा कर रहे हैं।