याकूब मेमन की फांसी का विरोध करनेवाले क्या आतंकवाद की हिमायत नहीं कर रहे ? याकूब की फांसी का विरोध करनेवाले सुप्रीम कोर्ट के फैंसले पर भी टीका -टिप्पणी करके क्या देश में साम्प्रदायिकता नहीं फैला रहे हैं ? देश की शांति को बिगड़ने और सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाले कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं। आतंकवादी याकूब की फांसी का विरोध करके क्या देशद्रोह का गुनाह नहीं कर रहे ? क्या सरकार को इन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए ?आपकी क्या राय है ?