आतंकवादी याकूब मेमन के जनाज़े में जो लोग शामिल हुए [ उसके निकट परीजनों को छोड़कर] क्या उन्हें देशभक्त माना जाये या देशद्रोही ?क्योंकि यह लोग एक देशद्रोही के जनाज़े में शामिल हुए जिसके मुंह पर 257 से भी ज्यादा बेकसूर लोगों की बम धमाकों में हुई मौत और हज़ारो लोगों के गंभीर घायल होने के गुनाह की कालिख पुती हुई थी और टाडा कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए मौत की सज़ा सुनाई जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मोहर लगा दी थी। क्या एक आतंकवादी ,देशद्रोही और मानवता के हत्यारे के जनाज़े में शामिल होनेवालों को देशभक्त समझा जाये या देशद्रोही या फिर आतंकवादी ? जो लोग यह कहते हैं कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता तो यह ज़नाज़ा क्या साबित कर रहा है ?जो लोग इस जनाज़े में शामिल हुए तो वह याकूब के मजहब के ही हैं न और याकूब का मजहब आतंकवाद है तो फिर यह कैसे न माना जाये कि याकूब के जनाज़े में शामिल होनेवाले लोग या तो आतंकवादी हैं या संभावित आतंकवादी हैं या फिर देशद्रोही हैं ?क्योंकि एक देशभक्त इंसान तो किसी आतंकवादी की अंतिमयात्रा का हिस्सेदार बनना नहीं चाहेगा। आप इस बारे में क्या सोचते हैं ? कृपया अपने विचार दें;