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Sunday 30 August 2015

बिहार में सत्ता के स्वार्थी नेताओं का महा गठबंधन या महा ठगबंधन ?

बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रिय जनतादल के   लालूयादव ,नितीश कुमार ,समाजवादी के मुलायम सिंह और कांग्रेस के सोनिया - राहुल गांधी जैसे लोगों ने मिलकर महागठबंधन बनाया है। क्या यह महागठबंधन महाठगबंधन नहीं है ? जिस  भानुमति के कुनबे में पशुओं का चारा खानेवाले लालू यादव जैसे चाराचोर , घोटालों के महानायक  और सत्ता के बिना मछली की भांति छटपटा रहे सोनिया -राहुल  , बिहार में कुशाशन के प्रणेता सत्ता लोभी  नितीश कुमार जो सत्ता की लोलुपता के लिए किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज नहीं कर रहे और यूपी में अराजकता और गुंडाराज कायम रखनेवाले सपाई मुलायम सिंह एंड कम्पनी शामिल है , उस गठबंधन को महाठग बंधन क्यों नहीं कहा  जाए ? इस गठबंधन में शामिल सभी लोगों का न तो कोई सिद्धांत है और न ही कोई स्पष्ट नीति है , इसलिए यह स्वार्थी लोगों का एक गिरोह है जो सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से भयभीत होकर अपने वर्चस्व को बचाने  और सत्ता हथियाने का अंतिम प्रयास कर रहा है। और सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि इनके साथ आज के बड़े सबसे कथित ईमानदार नेता और स्वच्छ राजनीती के कथित पुरोधा अरविन्द केजरीवाल भी शामिल होकर बिहार की जनता को गुमराह करके ठगने का प्रयास कर रहे हैं।