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Friday 12 February 2016

सेकुलरता के नाम पर और पत्रकारिता की आढ़ में देश से गद्दारी करनेवालों को गिरफ्तार किया जाए

देश के अंदर रहकर जो लोग देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं वह तो विदेशी  दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक हैं और इनको कुचलने की कारगर नीति सरकार को बनानी चाहिए। देश के कथित सेकुलरता के झंडाबरदार नेता अपने कृत्यों से देश विरोधी ताकतों को अपना समर्थन देकर उनके हौंसले बुलंद किए हुए हैं ,ऐसे नेताओं को भी वही सज़ा मिलनी चाहिए जो देश के साथ द्रोह करनेवालों की होती है।यह वही लोग हैं जो आतंकियों का समर्थन करते हैं और उनके मारे जाने पर अपनी छाती पीट -पीट कर बुरा हाल कर लेते हैं और कोई आतंकी महिला को अपनी बेटी बताता है और कोई उसे अपनी बहन। सबसे खतरनाक बात तो यह है कि मीडिया के भी कई लोग भी विदेशी ताकतों के पेरोल पर देश में अलगाववाद को हवा देने का गुनाह कर रहे हैं।यह किसी भी आतंकी के सुरक्षाबलों के हाथों मारे जाने या कोर्ट से सज़ा मिलने पर भी विधवा विलाप करके देश का नाम बदनाम करते हैं। यह गद्दार कथित पत्रकार देश में पत्रकारिता के नाम पर आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। अब समय आ चूका है कि देश के अंदर बैठे ऐसे  गद्दारों को ,जो सेकुलरता की आढ़ लेकर और पत्रकारिता का लबादा पहनकर देश के अंदर देशविरोधी कामों में जुटे हुए हैं , को अविलम्ब  गिरफ्तार किया जाए और कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाई जाए।अगर मोदी सरकार ने भी अब इस आग पर काबू नहीं पाया गया तो बहुत देर हो जाएगी और फिर इस पर काबू पाना भी आसान  नहीं होगा और यह सरका भी देश की पूर्वर्ती सरकार की तरह नपुंसकता के रोग से ग्रस्त ही समझी जाएगी